हरी बूँदें ------------- उमड़ आये हो अनायास ही हरी बूंदों का सैलाब लिए , बरस जाओ कि अब प्यास भी बोझिल हुई है। हरी बूँदे आशा का प्रतीक हैं। जिन्दगी आशा की डोर थामें उतार चढ़ाव के सभी रास्तों को पार कर जाती है। इस कलाकृति में मैंने लुका छुपी खेलती आशा का आवाहन किया है जो सदैव पूर्णता का आभास दे ओझिल हो ,आस की प्यास को बढा जिन्दगी को जटिल कर जाती है।