केवल शिव ही निराकार लिंग के रूप में पूजे जाते हैं. लिंग रूप में समस्त ब्रह्मांड का पूजन हो जाता है क्योंकि वे ही समस्त जगत के मूल कारण माने गए हैं. इसलिए शिव मूर्ति और लिंग दोनों रूपों में पूजे जाते हैं. 'शिव' का अर्थ है– 'परम कल्याणकारी' और 'लिंग' का अर्थ है – ‘सृजन’. शिव के वास्तविक स्वरूप से अवगत होकर जाग्रत शिवलिंग का अर्थ होता है प्रमाण!